This miraculous temple of Gujarat

गुजरात का यह चमत्कारिक मंदिर, दिन में सिर्फ दो बार आता है नजर, देखें क्या है खास

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This miraculous temple of Gujarat

वैसे तो हमारे देश में भगवान भोलेनाथ को समर्पित कई ऐसे मंदिर हैं, जहां रोचक घटनाएं घटित हो चुकी हैं। बता दें कि ऐसा ही एक मंदिर गुजरात में स्तंभेश्वर महादेव का है। इस मंदिर की खासियत है कि रोजाना दिन में दो बार सुबह और शाम को यह मंदिर गायब हो जाता है। ऐसा होने के पीछे एक प्राकृतिक घटना है।  हम आपको स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के रोचक इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं। 

कैसे गायब हो जाता है मंदिर

बता दें कि गुजरात में स्थित श्री स्तंभेश्वर महादेव मंदिर 150 साल पुराना है। स्तंभेश्वर महादेव मंदिर अरब सागर और खंभात की खाड़ी से घिरा हुआ है। जब समुद्र में उच्च ज्वार उठने पर मंदिर पूरी तरह से समुद्र में डूब जाता है। दिन में दो बार ऐसा होता है। समुद्र का जलस्तर नीचे आने पर मंदिर फिर से दिखाई देने लगता है। आस्था के कारण स्थानीय लोगों का मानना है कि दिन में दो बार समुद्र इस मंदिर में स्थित शिवलिंग का जलाभिषेक करता है।

मंदिर का निर्माण
पौराणिक कथा के मुताबिक, इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने स्थापित किया था। इस शिवलिंग को स्थापित करने के पीछे यह वजह थी कि भगवान कार्तिकेय ने असुर तारकासुर का वध किया था। तारकासुर भगवान भोलेनाथ का अनन्य भक्त था। जब भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया तो उन्हें अपराध बोध होने लगा। इसलिए जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु ने भगवान कार्तिकेय को शिवलिंग स्थापित कर उनसे क्षमा मांगने की सलाह दी। तब कार्तिकेय जी ने शिवलिंग की स्थापना की थी।

दर्शन करने का समय
श्री स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन के लिए शुभ समय पूर्णिमा या पूर्णिमा की रात है। इस दौरान समुद्र में ज्वार भाटा उत्पन्न होता है। सावन के महीने में इस मंदिर के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। शिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर के दर्शन करना काफी शुभ माना जाता है। इसलिए मंदिर के दर्शन के लिए इस प्रकार योजना बनाएं कि आप भी मंदिर को गायब और प्रकट होते देख सकें।

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